عربيEnglish

The Noble Qur'an Encyclopedia

Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languages

The Women [An-Nisa] - Hindi translation - Azizul Haq Al-Omari - Ayah 141

Surah The Women [An-Nisa] Ayah 176 Location Madanah Number 4

ٱلَّذِينَ يَتَرَبَّصُونَ بِكُمۡ فَإِن كَانَ لَكُمۡ فَتۡحٞ مِّنَ ٱللَّهِ قَالُوٓاْ أَلَمۡ نَكُن مَّعَكُمۡ وَإِن كَانَ لِلۡكَٰفِرِينَ نَصِيبٞ قَالُوٓاْ أَلَمۡ نَسۡتَحۡوِذۡ عَلَيۡكُمۡ وَنَمۡنَعۡكُم مِّنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَۚ فَٱللَّهُ يَحۡكُمُ بَيۡنَكُمۡ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِۚ وَلَن يَجۡعَلَ ٱللَّهُ لِلۡكَٰفِرِينَ عَلَى ٱلۡمُؤۡمِنِينَ سَبِيلًا [١٤١]

जो तुम्हारी (अच्छी या बुरी स्थिति की) प्रतीक्षा में रहते हैं; यदि अल्लाह की ओर से तुम्हें विजय प्राप्त हो, तो वे कहते हैं : क्या हम तुम्हारे साथ न थे? और यदि काफ़िरों को कोई भाग प्राप्त हो, तो (उनसे) कहते हैं : क्या हम तुम्हारी मदद के लिए खड़े नहीं हुए थे और तुम्हें ईमान वालों से बचाया नहीं था? अतः अल्लाह क़ियामत के दिन तुम्हारे बीच निर्णय करेगा और अल्लाह काफ़िरों के लिए ईमान वालों पर हरगिज़ कोई रास्ता नहीं बनाएगा।[91]