عربيEnglish

The Noble Qur'an Encyclopedia

Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languages

The Women [An-Nisa] - Hindi translation - Azizul Haq Al-Omari - Ayah 95

Surah The Women [An-Nisa] Ayah 176 Location Madanah Number 4

لَّا يَسۡتَوِي ٱلۡقَٰعِدُونَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ غَيۡرُ أُوْلِي ٱلضَّرَرِ وَٱلۡمُجَٰهِدُونَ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ بِأَمۡوَٰلِهِمۡ وَأَنفُسِهِمۡۚ فَضَّلَ ٱللَّهُ ٱلۡمُجَٰهِدِينَ بِأَمۡوَٰلِهِمۡ وَأَنفُسِهِمۡ عَلَى ٱلۡقَٰعِدِينَ دَرَجَةٗۚ وَكُلّٗا وَعَدَ ٱللَّهُ ٱلۡحُسۡنَىٰۚ وَفَضَّلَ ٱللَّهُ ٱلۡمُجَٰهِدِينَ عَلَى ٱلۡقَٰعِدِينَ أَجۡرًا عَظِيمٗا [٩٥]

बिना किसी उज़्र (कारण) के बैठे रहने वाले मोमिन और अल्लाह की राह में अपने धनों और प्राणों के साथ जिहाद करने वाले, बराबर नहीं हो सकते। अल्लाह ने अपने धनों तथा प्राणों के साथ जिहाद करने वालों को पद के एतिबार से, जिहाद से बैठे रहने वालों पर प्रधानता प्रदान किया है। जबकि अल्लाह ने सब के साथ भलाई का वादा किया है।तथा अल्लाह ने जिहाद करने वालों को महान प्रतिफल देकर, जिहाद से बैठे रहने वालों पर वरीयता प्रदान किया है।