وَٱذۡكُرۡ فِي ٱلۡكِتَٰبِ مَرۡيَمَ إِذِ ٱنتَبَذَتۡ مِنۡ أَهۡلِهَا مَكَانٗا شَرۡقِيّٗا
الهندية | हिन्दी
तथा (ऐ रसूल!) आप अपने ऊपर उतारे गए क़ुरआन में मरयम अलैहस्सलाम के क़िस्से की चर्चा करें, जबवह अपने घर वालों से अलग होकर उनसे पूरब की ओर एक स्थान में अकेले रहने लगी थी।
فَٱتَّخَذَتۡ مِن دُونِهِمۡ حِجَابٗا فَأَرۡسَلۡنَآ إِلَيۡهَا رُوحَنَا فَتَمَثَّلَ لَهَا بَشَرٗا سَوِيّٗا
الهندية | हिन्दी
फिर उसने अपनी जाति की ओर से अपने लिए एक ओट (परदा) बना लिया, ताकि जब वह अपनेपालनहार की इबादत कर रही हो, तो वे लोग उसे न देख सकें। फिर हमने उसके पास जिबरीलअलैहिस्सलाम को भेजा, जो उसके पास पूरे तौर पर मानव का रूप धारण करके आया। तो वह डर गई किकहीं वह कोई बुरा इरादा न रखता हो।
قَالَتۡ إِنِّيٓ أَعُوذُ بِٱلرَّحۡمَٰنِ مِنكَ إِن كُنتَ
الهندية | हिन्दी
जब उसने जिबरील को एक पूर्ण मनुष्य के रूप में अपनी ओर बढ़ते हुए देखा, तो बोली : (ऐ मानव!) यदितू संयमी है और अल्लाह से डरता है, तो मैं तुझसे अत्यंत दयावान अल्लाह की शरण में आती हूँ कि तेरीतरफ से मुझे कोई बुराई पहुँचे।
قَالَ إِنَّمَآ أَنَا۠ رَسُولُ رَبِّكِ لِأَهَبَ لَكِ غُلَٰمٗا
الهندية | हिन्दी
जिबरील अलैहिस्सलाम ने कहा : मैं इनसान नहीं हूँ। मैं तो तेरे रब की ओर से भेजा हुआ दूत हूँ। उसने मुझेतेरी ओर भेजा है, ताकि मैं तुझे एक अच्छा और पवित्र पुत्र प्रदान करूँ।
قَالَتۡ أَنَّىٰ يَكُونُ لِي غُلَٰمٞ وَلَمۡ يَمۡسَسۡنِي بَشَرٞ وَلَمۡ أَكُ بَغِيّٗا
الهندية | हिन्दी
मरयम ने हैरानी से कहा : मेरे यहाँ बालक कैसे हो सकता है, जबकि न तो पति और न ही कोई और मेरेपास आया है, और न मैं व्यभिचारिणी हूँ कि मेरे कोई बच्चा हो?
قَالَ كَذَٰلِكِ قَالَ رَبُّكِ هُوَ عَلَيَّ هَيِّنٞۖ وَلِنَجۡعَلَهُۥٓ ءَايَةٗ لِّلنَّاسِ وَرَحۡمَةٗ مِّنَّاۚ وَكَانَ أَمۡرٗا مَّقۡضِيّٗا
الهندية | हिन्दी
जिबरील ने उनसे कहा : मामला ऐसा ही है जैसा तुमने उल्लेख किया है कि तुम्हें पति या किसी और ने नहींछुआ, और न तुम व्यभिचारिणी हो। लेकिन, तेरे पवित्र पालनहार ने कहा है : पिता के बिना बच्चा पैदाकरना मेरे लिए आसान है। साथ ही यह कि तुम्हें प्रदान किया जाने वाला बालक लोगों के लिए अल्लाहकी शक्ति की बहुत बड़ी निशानी, तथा हमारी ओर से तेरे लिए और उसपर ईमान लाने वाले के लिए महानदया हो। तथा तेरे इस बालक का पैदा करना अल्लाह का पहले से निर्धारित किया हुआ, लौह–ए–महफ़ूज़में लिखा हुआ फ़ैसला है।
۞فَحَمَلَتۡهُ فَٱنتَبَذَتۡ بِهِۦ مَكَانٗا قَصِيّٗا
الهندية | हिन्दी
फिर फ़रिश्ते के फूँकने के पश्चात वह उस (बच्चे) के साथ गर्भवती हो गई और उस गर्भ को लिए हुए लोगोंसे अलग एक दूर स्थान पर चली गई।
فَأَجَآءَهَا ٱلۡمَخَاضُ إِلَىٰ جِذۡعِ ٱلنَّخۡلَةِ قَالَتۡ يَٰلَيۡتَنِي مِتُّ قَبۡلَ هَٰذَا وَكُنتُ نَسۡيٗا مَّنسِيّٗا
الهندية | हिन्दी
फिर प्रसव पीड़ा बढ़ी, जो उसे खजूर के एक तने के पास ले आई। तब मरयम अलैहस्सलाम कहने लगी : ऐ काश! मैं इस दिन से पहले ही मर गई होती, और मैं एक भूली–बिसरी चीज़ होती, ताकि मेरे बारे में कोईबुराई नहीं सोची जाती।
فَنَادَىٰهَا مِن تَحۡتِهَآ أَلَّا تَحۡزَنِي قَدۡ جَعَلَ رَبُّكِ تَحۡتَكِ سَرِيّٗا
الهندية | हिन्दी
तो ईसा अलैहिस्सलाम ने उसके पैरों के नीचे से उसे पुकारा : उदास मत हो! तुम्हारे पालनहार ने तुम्हारेनीचे पानी की नहर बहा दी है, जिससे तुम पानी पी सकती हो।
وَهُزِّيٓ إِلَيۡكِ بِجِذۡعِ ٱلنَّخۡلَةِ تُسَٰقِطۡ عَلَيۡكِ رُطَبٗا جَنِيّٗا
الهندية | हिन्दी
तथा खजूर के पेड़ के तने को पकड़कर हिलाओ, तुम्हारे ऊपर ऐसी ताज़ा पकी हुई खजूरें गिरेंगी, जो उसीसमय तोड़ी गई हों।
فَكُلِي وَٱشۡرَبِي وَقَرِّي عَيۡنٗاۖ فَإِمَّا تَرَيِنَّ مِنَ ٱلۡبَشَرِ أَحَدٗا فَقُولِيٓ إِنِّي نَذَرۡتُ لِلرَّحۡمَٰنِ صَوۡمٗا فَلَنۡ أُكَلِّمَٱلۡيَوۡمَ إِنسِيّٗا
الهندية | हिन्दी
अतः ताज़ा खजूरें खाओ, पानी पियो, अपने नवजात शिशु से दिल बहलाओ और शोक मत करो। फिरयदि कोई आदमी दिखाई दे और वह तुमसे बच्चे के बारे में पूछे, तो उससे कह दो : मैंने अपने पालनहार केलिए अपने आपपर चुप रहने को अनिवार्य कर लिया है। इसलिए आज मैं किसी इनसान से हरगिज़ बातनहीं करूँगी।
فَأَتَتۡ بِهِۦ قَوۡمَهَا تَحۡمِلُهُۥۖ قَالُواْ يَٰمَرۡيَمُ لَقَدۡ جِئۡتِ شَيۡـٔٗا فَرِيّٗا
الهندية | हिन्दी
फिर मरयम अपने बेटे को उठाए हुए अपनी जाति के पास आई, तो उसकी जाति के लोगों ने निंदा करतेहुए उससे कहा : ऐ मरयम! तूने बिना पिता के पुत्र लाकर एक बड़ा निंदनीय काम किया है।
يَـٰٓأُخۡتَ هَٰرُونَ مَا كَانَ أَبُوكِ ٱمۡرَأَ سَوۡءٖ وَمَا كَانَتۡ أُمُّكِ بَغِيّٗا
الهندية | हिन्दी
ऐ हारून (जो एक सदाचारी व्यक्ति थे) जैसी इबादत करने वाली महिला! तेरा पिता कोई व्यभिचारी नहींथा, और न ही तेरी माता कोई व्यभिचारिणी थी। तुम तो एक पवित्र घराने से हो, जो सदाचार में प्रसिद्ध है।फिर तुम बिना पिता के पुत्र कैसे ले आईॽ!
فَأَشَارَتۡ إِلَيۡهِۖ قَالُواْ كَيۡفَ نُكَلِّمُ مَن كَانَ فِي ٱلۡمَهۡدِ صَبِيّٗا
الهندية | हिन्दी
तब उसने अपने पुत्र ईसा (अलैहिस्सलाम) की ओर इशारा किया, जो गोद में था। तो उसकी जाति केलोगों ने आश्चर्य करते हुए उससे कहा : हम एक बच्चे से कैसे बात करें जबकि वह गोद में है?!
قَالَ إِنِّي عَبۡدُ ٱللَّهِ ءَاتَىٰنِيَ ٱلۡكِتَٰبَ وَجَعَلَنِي نَبِيّٗا
الهندية | हिन्दी
ईसा (अलैहिस्सलाम) ने कहा : निःसंदेह मैं अल्लाह का बंदा हूँ, उसने मुझे इनजील प्रदान किया है औरअपने नबियों में से एक नबी बनाया है।
وَجَعَلَنِي مُبَارَكًا أَيۡنَ مَا كُنتُ وَأَوۡصَٰنِي بِٱلصَّلَوٰةِ وَٱلزَّكَوٰةِ مَا دُمۡتُ حَيّٗا
الهندية | हिन्दी
मैं जहाँ कहीं भी रहूँ, उसने मुझे लोगों के लिए बहुत लाभदायक बनाया है और जीवन भर मुझे नमाज़ अदाकरते रहने तथा ज़कात देते रहने का आदेश दिया है।
وَبَرَّۢا بِوَٰلِدَتِي وَلَمۡ يَجۡعَلۡنِي جَبَّارٗا شَقِيّٗا
الهندية | हिन्दी
और उसने मुझे अपनी माँ के साथ अच्छा व्यवहार करने वाला बनाया है तथा अपने रब के आज्ञापालन सेअभिमान करने वाला और उसकी अवज्ञा करने वाला नहीं बनाया है।
وَٱلسَّلَٰمُ عَلَيَّ يَوۡمَ وُلِدتُّ وَيَوۡمَ أَمُوتُ وَيَوۡمَ أُبۡعَثُ حَيّٗا
الهندية | हिन्दी
तथा मुझे शैतान और उसके सहयोगियों से सुरक्षित रखा गया है जिस दिन मैं पैदा हुआ, जिस दिन मैंमरूँगा और जब क़ियामत के दिन दोबारा जीवित करके उठाया जाऊँगा। अतः मैं इन तीनों वहशतनाकस्थितियों में शैतान के प्रभाव से सुरक्षित रहा।
ذَٰلِكَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَۖ قَوۡلَ ٱلۡحَقِّ ٱلَّذِي فِيهِ يَمۡتَرُونَ
الهندية | हिन्दी
इन सभी गुणों से विशिष्ट व्यक्ति ईसा बिन मरयम है। यही उसके बारे में सत्य बात है, न कि उन गुमराहलोगों की बात, जो उसके बारे में संदेह करते हैं और मतभेद में पड़े हुए हैं।
مَا كَانَ لِلَّهِ أَن يَتَّخِذَ مِن وَلَدٖۖ سُبۡحَٰنَهُۥٓۚ إِذَا قَضَىٰٓ أَمۡرٗا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُۥ كُن فَيَكُونُ
الهندية | हिन्दी
यह अल्लाह की महिमा के योग्य नहीं है कि वह संतान बनाए। वह इससे बहुत पवित्र और पाक है। जबवह किसी काम का इरादा करता है, तो उसके लिए उस काम को केवल इतना कहना पर्याप्त होता है कि‘हो जा’ और वह अनिवार्य रूप से हो जाता है। अतः जिसकी यह महिमा हो, वह बेटा बनाने से सर्वोच्च है।
